नई दिल्ली : पाकिस्तान ने रविवार को भारत के साथ विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत-चीन मॉडल अपनाने पर सहमति दे दी। इसके तहत आपसी व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा साथ ही धीरे-धीरे विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने की कोशिश भी होती रहेगी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से दिन के भोजन के दौरान कहा कि भारत और चीन के बीच काफी मतभेद हैं, लेकिन उनके व्यापारिक सम्बंध मजबूत हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जरदारी ने संकेत दिया कि भारत-चीन मॉडल का इस्तेमाल भारत-पाकिस्तान सम्बंध में सुधार लाने में भी किया जा सकता है।
भारत पाकिस्तान के वार्ताकारों के साथ भारत-चीन मॉडल को अपनाने की बात काफी समय से उठा रहा है। जबकि पाकिस्तान के राजनीतिक संगठनों का मानना रहा है कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के बाद ही किसी मुद्दे पर बात हो सकती है।
लेकिन पिछले कुछ महीनों से भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने की कवायद में ‘कश्मीर पहले, व्यापार बाद में’ का रुख कमजोर पड़ता गया और इसकी जगह व्यापार तथा कश्मीर दोनों मुद्दों पर साथ चलने का रुख तैयार होता गया।
भारत और चीन ने विवादों के बाद भी आपसी व्यापार को 70 अरब डॉलर से अधिक पहुंचाया है और 2015 तक इसे 100 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। भारत और पाकिस्तान का आपसी व्यापार अभी सिर्फ 2.7 अरब डॉलर है। भारतीय उद्योग परिसंघ का अनुमान है कि यदि आपसी व्यापार की बाधाओं को हटाया जाए, तो 2015 तक भारत और पाकिस्तान का आपसी व्यापार बढ़कर 10 अरब डॉलर हो सकता है।
मनमोहन सिंह ने जरदारी के साथ वार्ता के बाद कहा, ‘‘हम व्यावहारिक समाधान खोजना चाहते हैं। और यही संदेश राष्ट्रपति जरदारी और मैं आगे ले जाना चाहेंगे।’’  मनमोहन सिंह ने भारत पाकिस्तान के तनाव पूर्ण सम्बंधों को बेहतर करने के लिए काफी कूटनीतिक प्रयास किए हैं। वह आपसी व्यापार बढ़ाने और लोगों के बीच सम्पर्क बढ़ाने के प्रबल समर्थक हैं। और उनका मानना है कि इससे सीमा का मुद्दा गौण हो जाएगा।